Ayodhya Supreme Court Decision: अयोध्या में अर्धसैनिक बलों के 4000 जवानों को तैनात किया गया है. अयोध्या विवाद मामले में शनिवार को सुबह 1...
Ayodhya Supreme Court Decision: अयोध्या में अर्धसैनिक बलों के 4000 जवानों को तैनात किया गया है. अयोध्या विवाद मामले में शनिवार को सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट फैसला Ayodhya Supreme Court Decision सुनाएगा. बता दें कि अयोध्या मामले के फैसले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने की हिदायत दी है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक सामान्य सलाह दी गई है.
अयोध्या में धारा 144 लागू है. साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अधिकारी ने बताया कि राज्यों को सभी संवेदनशील मुस्लिमों ने मांगी अमन चैन की दुआ, कहा- अफवाहों पर ध्यान न दें
अयोध्या विवाद पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले Ayodhya Supreme Court Decision के मद्देनजर दोनों धर्मो के लोग अमन चैन बरकार रखने के लिए अपनी-अपनी तरफ से कोशिशें कर रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को प्रयागराज की बहादुरगंज की साबुनगढ़ मस्जिद में जुमे की नमाज में सैकड़ों नमाजियों ने अयोध्या विवाद का फैसला Ayodhya Supreme Court Decision आने के बाद देश में शांति के लिए दुआ मांगी है.
इस दौरान साबुनगढ़ मस्जिद में मौजूद नमाजियों ने एक सुर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तह-ए-दिल से स्वीकार करने की लोगों से अपील कर रहे हैं. साथ ही लोगों से यह भी कह रहे हैं कि किसी भी तरह की अफवाहों पर कतई ध्यान न दें. पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो.
ड्रोन से अयोध्या शहर की निगरानी की जा रही है. अयोध्या को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कई पीस कमेटियां बनाई हैं. इन कमेटियों में शामिल लोग जिले के गांवों में जाकर लोगों से शांति और प्रेम बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. बाहर के जिलों में दर्जनों की संख्या में अस्थायी जेल परिसरों का निर्माण किया गया है.
40 दिन तक चली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उप्र के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह से राज्य में सुरक्षा बंदोबस्तों और कानून व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की थी.
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चीफ जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने, अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि 3 पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर 6 अगस्त से रोजाना 40 दिन तक सुनवाई की थी.
संविधान पीठ ने इस प्रकरण पर छह अगस्त से नियमित सुनवाई शुरू करने से पहले मध्यस्थता के माध्यम से इस विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने का प्रयास किया था. न्यायालय ने इसके लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त् न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय मध्यस्थता समिति भी गठित की थी लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिली. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई करने का निर्णय किया.
फैसले के मद्देनजर लखनऊ महोत्सव टला।
अयोध्या विवाद मामले में फैसले Ayodhya Supreme Court Decision के मद्देनजर हर साल 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक आयोजित होने वाले वार्षिक लखनऊ महोत्सव को जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि ऐसा अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के आने वाले फैसले को ध्यान में रखते हुए किया गया है. महोत्सव में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसमें शीर्ष क्षेत्रीय और बॉलीवुड कलाकार पर परफॉर्म करते हैं.
मुस्लिमों ने मांगी अमन चैन की दुआ
अयोध्या विवाद पर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले Ayodhya Supreme Court Decision के मद्देनजर दोनों धर्मो के लोग अमन चैन बरकार रखने के लिए अपनी-अपनी तरफ से कोशिशें कर रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को प्रयागराज की बहादुरगंज की साबुनगढ़ मस्जिद में जुमे की नमाज में सैकड़ों नमाजियों ने अयोध्या विवाद का फैसला आने के बाद देश में शांति के लिए दुआ मांगी है.
इस दौरान साबुनगढ़ मस्जिद में मौजूद नमाजियों ने एक सुर में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तह-ए-दिल से स्वीकार करने की लोगों से अपील कर रहे हैं. साथ ही लोगों से यह भी कह रहे हैं कि किसी भी तरह की अफवाहों पर कतई ध्यान न दें.
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