जो शब्दों को लिखते ही नहीं, सजाते हैं. जिनकी हर शायरी ( Gulzar Famous Shayari) में ज़िन्दगी नज़र आती है. जो शब्दों को महसूस ही नहीं करते,...
जो शब्दों को लिखते ही नहीं, सजाते हैं. जिनकी हर शायरी (Gulzar Famous Shayari) में ज़िन्दगी नज़र आती है. जो शब्दों को महसूस ही नहीं करते, उन्हें जीते भी हैं. अलफ़ाज़ ही जिनकी ज़िन्दगी के अंदाज़ को बयाँ करते हैं, और हर अलफ़ाज़ में जिनकी ज़िन्दगी नज़र आती है, ऐसे हैं गुलजार.
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Gulzar Famous Shayari |
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पिछले कई वर्षों से बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने देने वाले गुलजार की हम (Gulzar Famous Shayari) प्रसिद्ध शायरी आपके लिए लेकर आये हैं. जिन्हें पढ़कर आपको बेहद अच्छा लगेगा. तो पढ़िए गुलजार की (Gulzar Famous Shayari) बेहतरीन शायरी. (Gulzar Hindi Shayari)
मुनाफ़ा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है.
Bahut Mushkil se karta hoon, Teri yaadon ka Kaarobaar
Munfa kam hai, par Guzara ho hi jata hai.
Gulzar Famous Shayari
सुनो….ज़रा रास्ता तो बताना.
मोहब्बत के सफ़र से, वापसी है मेरी.
Suno...Zara Rasta toh Batana
Mohabbat ke Safar se, Waapsi hai meri.
आज हर ख़ामोशी को मिटा देने का मन है
जो भी छिपा रखा है मन में लूटा देने का मन है..
जो भी छिपा रखा है मन में लूटा देने का मन है..
Aaj Har Khamoshi ko mita dene ka man hai
Jo bhi chhipa rakha hai man mein luta dene ka man hai..
Gulzar Famous Shayari
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर
इस की आदत भी आदमी सी है
Shaam se aankh mein nami si hai
Aaj phir aap ki kami si hai
Waqt rehta nahi kahi thamkar
Iss ki aadat bhi aadmi si hai.
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है.
Aap Ke Baad Har Ghadi - Ghazal
दिन की चादर अभी उतारी है.
शाख़ पर कोई क़हक़हा तो खिले
कैसी चुप सी चमन में तारी है.
कल का हर वाक़िआ' तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है.
Aap Ke Baad Har Ghadi - Ghazal
दिन की चादर अभी उतारी है.
शाख़ पर कोई क़हक़हा तो खिले
कैसी चुप सी चमन में तारी है.
कल का हर वाक़िआ' तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है.
Aap ke baad har Ghadi ham ne
Aap ke saath hi Guzaari hai.
Raat ko de do Chandani ki rida
Din ki chaadar Abhi utaari hai.
Shaakh par koi kahkaha toh khile
Kaisi chup si chaman mein Taari hao
Kal kaa har Waqiya Tumhara tha
Aaj ki dastan hamari hai.
वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था ख़त का रुख़ दिखा रहा था
वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था ख़त का रुख़ दिखा रहा था
कुछ और भी हो गया नुमायाँ मैं अपना लिक्खा मिटा रहा था
उसी का ईमाँ बदल गया है कभी जो मेरा ख़ुदा रहा था
वो एक दिन एक अजनबी को मेरी कहानी सुना रहा था
वो उम्र कम कर रहा था मेरी मैं साल अपने बढ़ा रहा था
WOh Khat ke purje udaa raha tha, Khat ka rukh dikha raha tha
Kuchh aur bhi ho gaya Numayan Main apna likkha mita raha tha
Ussi ka iman badal gaya kabhi jo mera khuda raha tha
Woh ek din ek ajnabi ko meri kahani suna raha tha
Woh umra kam kar raha tha meri main saal apne badha raha tha
- Gulzar Famous Shayari
इस दिल का कहा मनो एक काम कर दो
एक बे-नाम सी मोहब्बत मेरे नाम करदो
मेरी ज़ात पर फ़क़त इतना अहसान कर दो
किसी दिन सुबह को मिलो, और शाम कर दो..!!
Iss Dil ka Kaha Maano ek kaam kar do
Ek be-naam si mohabbat mere naam kar do
Meri Zaat par faqat itna ehsaan kar do
Kisi din Subah ko Milo aur shaam kar do...!!
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