कोरोना वायरस ( COVID 19)ने जब से दस्तक दिया है लोग अपना धर्म, मज़हब और समुदाय भूल चुके हैं। सबका कहीं ना कहीं एक ही मक़सद है- कोरोना वायरस...
कोरोना वायरस ( COVID 19)ने जब से दस्तक दिया है लोग अपना धर्म, मज़हब और समुदाय भूल चुके हैं। सबका कहीं ना कहीं एक ही मक़सद है- कोरोना वायरस से जंग जीतना।
कोरोना वायरस से लड़ना ही सबका लक्ष्य है। इसके भेदना, इसको तोड़ना और इसको हराना और संभव है।
देखना यह सम्भव होगा। क्योंकि हर समुदाय के लोग एक होकर अब सिर्फ कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे हैं। क्या हिन्दू, क्या मुस्लिम? सब एक हो चुके हैं औए सबने ठान लिया है- भेदभाव मिटाना है, कोरोना को हराना है।
एकता की मिसाल देखिये
आईये आपको उत्तरप्रदेश के बुलन्दशहर (UP BulandShehar) लेकर चलते हैं, जहाँ की एकता की मिसाल देखकर आपका दिल ज़रूर खुश हो जाएगा। लॉकडाउन के दौरान मुस्लिम समाज (Muslim Community) के कुछ लोगों ने हिंदू व्यक्ति की अर्थी को कंधा दिया और उनका अंतिम संस्कार भी कराया. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.
"राम नाम सत्य है" यह तब सुना होगा आपने जब किसी हिन्दू की अर्थी को हिन्दू (Hindu Community) लेकर जा रहे हों। लेकिन एक हिन्दू की अर्थी को मुस्लिम लेकर जा रहे हों और "राम नाम सत्य है" (Ram Naam Satya hai) बोल रहे हों तो आप क्या कहेंगे?
बताया जा रहा है कि मरने वाले व्यक्ति का नाम रविशंकर था. वे बुलंदशहर के आनंद विहार के रहने वाले थे. दो दिन पहले रविशंकर की कैंसर से पीड़ित होने के कारण मृत्यु हो गई. उनके परिजनों और दूर-दराज के रिश्तेदारों, दोस्तों और आस-पड़ोस को सूचना दी गई. लॉक डाउन होने की वजह से उनके परिजन नहीं आ पाए. शव को श्मशान तक पहुंचाने के लिए कोई नहीं था.
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