Janta Curfew: मेरी आँखें नम थीं, सोचिये जिनके लिए ताली और थाली बजा उनका


मैं अपने गाँव में हूँ। जैसे ही शाम को 5 बजा, मैंने थाली बजाया। इसके बाद मैं सोशल मीडिया ( Janta Curfew Social Media) पर भारतवर्ष का नज़ारा देखा! यक़ीन मानिए मेरी आँखें ख़ुशी की आंसू से नम हो गईं।
Janta Curfew: मेरी आँखें नम थीं, सोचिये जिनके लिए ताली और थाली बजा उनका

ज़रा सोचिए! यह ताली, थाली और शंखनाद (Tali, Thali aur shankhanaad)  जिनके लिए किया गया उनको कितना गर्व हो (Indian Proud)  रहा होगा अपने आप पे? कितनी ख़ुशी हो रही होगी? उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया होगा। उनकी थकान पल भर में ग़ायब हो गई होगी।


उनके अंदर  नया जोश और नया हौसला जाग गया होगा और सोचिए  हमारी आँखें जब ख़ुशी  भर आईं थीं तो वो ख़ुशी से ज़रूर रो दिए होंगे!

यह मान और सम्मान की बात है, यह सोने की चिड़ियाँ की पहचान की बात है, ज़रा हट के होगा सब कुछ, क्योंकि यह हिंदुस्तान की बात है!


क्या शहर, क्या गाँव, क्या क़स्बा,क्या  नगर? 22 मार्च, शाम 5 बजते ही, 5 मिनट (5Minutes, 5 Pm) तक हिंदुस्तान का ज़र्रा-ज़र्रा गूंज उठा था, ताली, थाली और शंखनाद से।
Janta Curfew: मेरी आँखें नम थीं, सोचिये जिनके लिए ताली और थाली बजा उनका

आम इंसान से लेकर सितारों तक अपने घर के छत और बालकनी में खड़े ताली थाली और ताली बजाते हुए नज़र आए।

अमिताभ बच्चन अपने पूरे परिवार के साथ (Amitabh Bachchan Janta Curfew?, अक्षय कुमार और रितिक रोशन (Akshay Kumar and Hrithik Roshan Janta Curfew), वरुण धवन (Varun Dhawan Janta Curfew) इसके अलावा और भी सेलिब्रिटी ताली और थाली बजाते हुए नज़र आए। 

विपरीत परिस्थिति में भी लगन से काम करने वाले लोगों को धन्यवाद देकर भारतवर्ष ने जैसा किया वैसा कोई और देश सोच भी नहीं सकता।
हिंदुस्तान की यह ललकार है और अब निश्चित ही कोरोना हारेगा, हम जीतेंगे!

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