कहते हैं कि किसी भी काम को अगर शिद्दत से किया जाए तो अंज़ाम बेहतर होता है। जरूरत है एक उम्दा सोच, खास विश्वास और ज़बरदस्त बुनियाद की। कुछ यह...
कहते हैं कि किसी भी काम को अगर शिद्दत से किया जाए तो अंज़ाम बेहतर होता है। जरूरत है एक उम्दा सोच, खास विश्वास और ज़बरदस्त बुनियाद की।
कुछ यही कहानी कह रहे हैं बिहार के भोजपुर जिले के ये किसान। ना सिर्फ इन लोगों ने फसलों को बोया है बल्कि अपने खून पसीने से खेतों (ग्रामीण Cultivation) को सींचकर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं।
इन किसानों के इस जुनून को देखने के बाद आप भी कहेंगे कि किसान किसी के एहसान के मोहताज़ नहीं, बल्कि ये हिंदुस्तान की शान हैं। www.5minutesnews.com आपको दिखा रहा है किसानों की मेहनत से उभरी हरियाली के रंग।
मटर की खेती- Matar Agriculture
आप तो तस्वीरों को देखकर समझ गए होंगे की मटर को छेमी या बटाना ( Matar, Chhemi, Batana Agricultire) भी कहते हैं। किसानों ने इसे मेहनत से पैदावार किया था और बड़े पैमाने पर बाज़ारों (Matar Market Price) में बेचा और इससे अभी भी अच्छी इनकम (Income with Matar) आ रही है।
कितने रुपये किलो है मटर?
शुरुवात समय में यह 120 रुपये के (Matar Price per kg in Bihar) भाव से बिका और आज भी यह 60 और 80 (Chhemi prati kilo price) रुपये के भाव से बाज़ारों में बिक रहा है।
फूल गोभी की खेती- farming of cauliflower
Cauliflower Farming के माध्यम से भी किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं। कई महीनों की मेहनत के बाद बड़े पैमाने पर इसकी पैदावर्कर किसान मार्केट में 20 रुपये 30 (Cauliflower price in Bihar) रुपये प्रति गोभी के भाव से बेच रहे हैं।
बंधा गोभी की खेती- Tied cabbage cultivation
Tied cabbage cultivation भी किसानो द्वारा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और किसान इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं।
बैगन की खेती- brinjal farming
Brinjal farming भी किसानों की कमाई का प्रमुख ज़रिया है। लगातार कई महीनों की मेहनत के बाद किसानों ने bringal की पैदावार बड़े पैमाने पर की और आज लगभग 30 से 40 रुपये (BrinjalnPer kg price in Bihar) प्रति किलो के हिसाब से मार्केट में बिक रहा है।
गेहूँ की खेती- Wheat cultivation
गेहूँ की पैदावार भी आजकल बड़े पैमाने पर की जा रही है। किसान अपने खून पसीने से गेहूं के खेतों (Wheat Cultivation) की सिंचाई कर रहे हैं। हालांकि गेंहू अभी अपने शुरुवाती सफर में है। जल्द ही यह बढ़ेगा और इसकी कटाई होगी। इसके बाद किसान इसे अच्छी रेट (Wheat Price) से मार्केट में बेचेंगे।
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