इस शारदीय नवरात्रि पर आप समस्त भक्तगण घर बैठे भी नवरात्रि का पूजा पाठ करा सकते हैं. इसके लिए आपको अपना गोत्र-नाम भेजना होगा या चाहते हो तो ऑ...
इस शारदीय नवरात्रि पर आप समस्त भक्तगण घर बैठे भी नवरात्रि का पूजा पाठ करा सकते हैं. इसके लिए आपको अपना गोत्र-नाम भेजना होगा या चाहते हो तो ऑनलाइन वीडियो कॉल के द्वारा आप संकल्प करा सकते हैं तथा मेरे द्वारा या मेरी टीम यानी काशी के विद्वानों द्वारा पूजा पाठ संपन्न कराया जाएगा. महाप्रसाद आप तक कूरियर और डाक द्वारा भिजवाए जाएगा.
नवरात्रि पाठ के लिए अतिशीघ्र संपर्क करें:
आचार्य पंडित राजेश चतुर्वेदीजी
संपूर्णानंद संस्कृतविश्वविद्यालय
संपर्क सूत्र:
WhatsApp No: 9554671601
7985958845
7318044793
online दक्षिणा हेतु बैंक विवरण:
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राजेश कुमार चौबे
S/O- संजय चौबे
नवरात्रि तिथि दिन दिनांक
||जय माता दी||
||शारदीय नवरात्रि 2022||
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
शारदीय नवरात्र आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक मां दुर्गा के अलग-अलग नाम और स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस वर्ष नवरात्रि 26 सितंबर दिन सोमवार से शुरू हो रही है और 5 अक्टूबर दिन बुधवार को विजयादशमी का त्यौहार मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. इस दौरान भक्तोगण मां आदिशक्ति को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ और व्रत रखते हैं. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व है नवरात्रि के आखिरी दिन को अष्टमी तिथि कहा जाता है. इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माँ महागौरी की पूजा का विधान है. हालांकि तिथि के घटने और बढ़ने के कारण अष्टमी तिथि आगे पीछे हो जाती है इस बार महाअष्टमी व्रत 3 अक्टूबर को रखा जाएगा
महानवमी तिथि नवरात्रि में 4 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है तथा हवन पूर्णाहुति कन्या भोजन ब्राह्मण भोजन इत्यादि कराया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राक्षसों के राजा महिषासुर से मां दुर्गा ने 9 दिनों तक युद्ध किया था. इसलिए यह पर्व 9 दिनों तक मनाया जाता है. नवरात्रि के अंतिम यानी नवमी को मां दुर्गा की बुराई पर जीत हासिल हुई थी इसलिए इसे महानवमी कहते हैं.
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