भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की तरह मज़बूत बनें और अपनी एकता और अखंडता को भी मजबूती से थामें रहें| एक सशक्त देश और एक समृद्ध समाज का सृजन करने के लिए ज़रूरी है, एकता और यही एकता है ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’.
भारत के राजनीतिक एकीकरण के में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्मतिथि 31 अक्टूबर को मनाई जाती है, जिसे हम राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में जानते हैं.
भारत देश में राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत सन् 2014 में पहली बार की गई। भारत देश विश्व के सबसे बड़े देशों में आता है जो पूरे विश्व में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारतवर्ष में 1600 से अधिक भाषाएं और बोलियां बोली जाती है।
इस देश में दुनिया के कई प्रमुख धर्मों जैसे सिक्ख, ईसाई, हिंदू, बौद्ध, जैन, इस्लाम और पारसी धर्म को विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं, पोशाकों, रहन-सहन, खान-पान और सामाजिक रीति-रिवाजों को भी शामिल करता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत नई दिल्ली में भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया था। नरेंद्र मोदी जी ने सरदार वल्लभभाई पटेल जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया तथा उसके साथ ही उन्होंने ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन की भी शुरुआत की थी।
भारत के राजनीतिक एकीकरण के में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्मतिथि 31 अक्टूबर को मनाई जाती है, जिसे हम राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में जानते हैं.
भारत देश में राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत सन् 2014 में पहली बार की गई। भारत देश विश्व के सबसे बड़े देशों में आता है जो पूरे विश्व में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारतवर्ष में 1600 से अधिक भाषाएं और बोलियां बोली जाती है।
इस देश में दुनिया के कई प्रमुख धर्मों जैसे सिक्ख, ईसाई, हिंदू, बौद्ध, जैन, इस्लाम और पारसी धर्म को विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं, पोशाकों, रहन-सहन, खान-पान और सामाजिक रीति-रिवाजों को भी शामिल करता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत नई दिल्ली में भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया था। नरेंद्र मोदी जी ने सरदार वल्लभभाई पटेल जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया तथा उसके साथ ही उन्होंने ‘रन फॉर यूनिटी’ मैराथन की भी शुरुआत की थी।
0 Comments