Sawan 2022: सावन मास में रुद्राभिषेक कराने का फल जानिए राजेश चतुर्वेदीजी से

 श्रावण मास भगवान शिव जी का पावन पवित्र मास माना गया है। श्रावण मास में भक्त भोलेनाथ की अपार श्रद्धा समर्पण के साथ पूरे महीने पूजा-अर्चना और अभिषेक करते-कराते हैं। भोलेनाथ के सभी मंदिरों और ज्योतिर्लिंगों पर काफी संख्या में भक्त एकत्रित होकर पूजा-पाठ अभिषेक दर्शन करते हैं। पूरे सावन महीने में भक्त कांवड़ लेकर बाबा के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। पूरा वातावरण शिवमय हो जाता है। हर-हर महादेव की गूँज चारों ओर सुनाई देती है। भक्तों मंदिरों में या अपने घरों पर ब्राह्मणों के द्वारा पूजन अभिषेक इत्यादि बड़े धूमधाम के साथ कराते हैं।

जानिए श्री फेकू बाबा की महिमा: https://www.silsilazindagika.in.net/2022/05/shri-pheku-baba-temple.html

सावन मास में रुद्राभिषेक कराने का फल जानिए राजेश चतुर्वेदीजी से


श्रावण प्रारम्भ- 14.07.2022 दिन गुरुवार

श्रावण समापन- 12.08.2022 दिन शुक्रवार


पहला सोमवार- 18.07.2022

दुसरा सोमवार- 25.07.2022

तीसरा सोमवार- 01.08.2022

चौथा सोमवार- 08.08.2022

सावन के best विशेष

अलग-अलग शिवलिंग पर अभिषेक करने के फल

सोने के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से सत्यलोक (स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है)।

चांदी के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से पितरों की मुक्ति होती है। 

नीलम के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से सम्मान की प्राप्ति होती है। 

पुखराज के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से धन-लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

हीरे के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है।


स्फटिक के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मोती के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है।

सफलता पाने के लिए पढ़े यह लेख: https://www.silsilazindagika.in.net/2022/06/success-story-of-life-achieve-goal.html

पारद के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से सुख, सौभाग्य में वृद्धि होती है।

तांबे के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से लंबी आयु की प्राप्ति होती है।

कांस्य के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से यश की प्राप्ति होती है।

पीतल के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से सुखों की प्राप्ति होती है।

लोहे के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है।


अलग-अलग वस्तुओं से अभिषेक करने के लाभ

जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।

कुशोदक से अभिषेक करने पर असाध्य रोग को शांत होते हैं।

दही से अभिषेक करने पर भवन, वाहन का सुख मिलता है। 

गन्ने का रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

शहद के अभिषेक करने पर धन की वृद्धि होती है।

घी से अभिषेक करने पर धन दौलत की प्राप्ति होती है। 

तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।

दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होती है।

संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो दूध से अभिषेक करें।

गंगाजल से अभिषेक करने से ज्वर की शांति होती है। 

दूध से अभिषेक करने से प्रमेह रोग दूर होता है।

(चीनी)शक्कर चीनी मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़ बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।

सरसों का तेल से अभिषेक करने से शत्रु पराजित होता है। 

शहद से अभिषेक करने से या यक्ष्मा (तपेदिक) दूर होता है।

शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।

गो दुग्ध तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता की प्राप्ति होती है।

कांस्य के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से यश की प्राप्ति होती है।

पीतल के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से सुखों की प्राप्ति होती है।

लोहे के बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है।

अलग-अलग वस्तुओं से अभिषेक करने के लाभ

जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।

कुशोदक से अभिषेक करने पर असाध्य रोग को शांत होते हैं।

दही से अभिषेक करने पर भवन, वाहन का सुख मिलता है। 

गन्ने का रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

शहद के अभिषेक करने पर धन की वृद्धि होती है।

घी से अभिषेक करने पर धन दौलत की प्राप्ति होती है। 

तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।

दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होती है।

संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो दूध से अभिषेक करें।

गंगाजल से अभिषेक करने से ज्वर की शांति होती है। 

दूध से अभिषेक करने से प्रमेह रोग दूर होता है।

(चीनी)शक्कर चीनी मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़ बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।

सरसों का तेल से अभिषेक करने से शत्रु पराजित होता है। 

शहद से अभिषेक करने से या यक्ष्मा (तपेदिक) दूर होता है।

शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।

गो दुग्ध तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता की प्राप्ति होती है।


आप सभी शिव भक्तों को अगर रुद्राभिषेक करवाना हो तो आचार्य पंडित राजेश चतुर्वेदी जी से संपर्क कर सकते हैं।


Online अभिषेक की भी व्यवस्था है। इसके लिए आपको नाम और गोत्र भेजना होगा। आचार्य पंडित राजेश चतुर्वेदी "राधेजी"। वर्तमान पता टैगोर नगर बलिया (यूपी) संपर्क सूत्र- 

95546 671601

7985958845





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